Layer Feed Formulation – How to Formulate Layer Feed
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बकरी के दूध के पोष्टिक गुण Nutraceutical Value of Goat Milk बरसात में फैलने वाले बुखार में बकरी के दूध कि डिमांड अचानक से बढ़ जाती है और यह दूध महंगा हो जाता है. डेंगू या चिकनगुनिया में इसे ज्यादा प्रसिध्ही मिलती है. यहाँ ये सवाल उठता है कि क्या वाकई बकरी के दूध में ऐसे तत्व होते हैं जिनसे वायरल बुखार में फायदा होता हो. कोई भी पोषक पर्दार्थ या दवाई जो हम लेते हैं वो बीमारी में दो तरह से काम करती है| पहली वो सीधे बीमारी पैदा करने वाले जीवाणु/कीटाणु को मारती है या फिर हमारे शारीर कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) को बढाती है. जो दवाइयां सीधे बीमारी करने वाले माइक्रोब्स को ख़तम भी करती हैं वो भी उस कंडीशन में बेकार हो जाती हैं जब रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो. इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना आज मेडिकल साइंस में बीमारी को सही करने का महत्वपूर्ण सिधांत बन गया है. इन्हीं दो पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हम बकरी के दूध की पौष्टिकता का आंकलन करेंगे और साथ ही साथ यह भी देखेंगे कि वह गाय के दूध से किस तरह बेहतर है। बकरी उन सब से पहले पशुओं में से है जिन्हें पालतू बनाया गया था, इंसान और बकरी का रिश्ता लगभग 10,000 साल पुराना है। बकरी कठोर परिस्थितियों में रहने के लिए जानी जाती है और यह दुनिया के लगभग सभी महाद्वीपों में मिलती है। 1980 से 1999 के बीच विश्व में बकरी का उत्पादन लगभग 55% बढा और बकरी के दूध का उत्पादन लगभग 58% बढ़ा। बकरी के दूध को अमूमन गाय के दूध से कंपेयर किया जाता है| गाय क्योंकि ज्यादा दूध देती है इसलिए गाय के दूध का उत्पादन बकरी के दूध से सस्ता होता है और इसीलिए अधिक लोकप्रिय है| व्यवसायिक तौर पर बकरी के दूध का उत्पादन महंगा होता है क्योंकी बकरी कम दूध देती है और उसमें मौसमी बदलाव भी आते हैं। इसीलिए बकरी के दूध और उससे बने उत्पादों की डेरी मार्केट में एक अलग पहचान है। इसके अलावा बकरी का दूध गाय के दूध से अन्य विशेषताओं में भी अलग होता है जैसे बकरी का दूध पचने में आसान होता है, एल्कलाइन होता है और उपचारात्मक वैल्यू भी अधिक होती है। बकरी के दूध में प्रोटीन फैट कार्बोहाइड्रेट विटामिन और मिनरल होते हैं। बकरी के दूध में विभिन्न प्रोटीन होते हैं जो आंतो में पचकर एमिनो एसिड प्रदान करते हैं परन्तु कुछ प्रोटीन टूटते नहीं और ज्यों के त्यों रहते हैं, ये प्रोटीन फैट के ग्लोब्युल्स को चारो तरफ से घेरकर उनसे चिपक जाते हैं जिससे फैट दूध में घुलनशील हो जाता है और तैर कर गाय...
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